देशभर में कोरोनावायरस का खतरनाक संक्रमण तेजी से अपना पांव पसार रहा है। जिसके कदमों को रोकने के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा पूरे देश में लॉक डाउन लगाया हुआ है।जिसकी मियाद अब चौथे चरण के साथ 31 मई तक पहुंच चुकी है। लेकिन लॉक डाउन के कारण सैकड़ों लोगों का रोजगार छिन गया है तो कहीं कोई नशे का आदी हो चुका है, और परिणाम स्वरूप यदि हम देखे तो घरेलू हिंसा, चोरी – चकारी, लूट खसोट के मामलों में इजाफा हो रहा है।
जब इंसान के सर पर छत ना हो, रोजगार ना हो और भूख से व्याकुल हो तो क्या सही क्या गलत किसी को कुछ नहीं सूझता। यही कारण है कि अधिकांश लोग अपने और अपने पेट का पालने के लिए इस कदर हताश है की बुराई उनके भूख पर हावी होने लगी हैं।
जब लोगों को सरकार और साथियों से भी हताशा हाथ लग रही है तो लोग लूट खसोट जैसे गलत राह को चुनकर अपनी जरूरतों को पूरा करने में लगे हुए हैं।
वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस की देन फैस मास्क पहने रहने का समझोता पुलिस विभाग के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनता जा रहा है क्योंकि जब चोरी चकरी जैसे मामलों में इजाफा होगा तो पुलिस विभाग द्वारा लगाम कसने के लिए नकापोश चोरों की पहचान करना मुश्किल हो जाएगा।
तो घरेलू हिंसा में भी कोई कमी होती नहीं देखी जा रही है। घरेलू हिंसा के बढ़ते मामले को देखकर राजस्थान के आईपीएस अधिकारी एवं कोटा के एसपी सिटी डॉक्टर ने कहा कि सिर्फ पढ़ाई को घरेलू हिंसा नहीं माना जाना चाहिए।
महिलाओं के लिए प्रयोग अभद्र टिप्पणी और आर्थिक तंगी के चलते अपमान करना घरेलू हिंसा का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में महिला सरपंच समूह बनाकर महिलाओं को उनके हितों के प्रति जागरूक बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ युगो से अन्याय होता है। महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति सजग नहीं है उनमें जागरूकता का अभाव है। कहीं ना कहीं शिक्षा की कमी भी घरेलू हिंसा के मामलों को बढ़ाने मे आगे है।
घरेलू हिंसा के मामलों में कई राज्य शामिल है जिसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली बिहार और महाराष्ट्र इत्यादि शामिल है।
घरेलू हिंसा के बढ़ते मामले पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए सेल्फी विथ डॉटर फाउंडेशन की ओर से आयोजित वेबीनार में महिलाओं के प्रति पुरुषों के रुपए का बखान किया गया। हरियाणा के जींद जिले के विजयपुर गांव के पूर्व सरपंच सुनील जागलान इस फाउंडेशन के संयोजक है।