महात्मा गांधी के पहली गिरफ्तारी का गवाह है शहर का यह स्टेशन, गिरफ्तारी की यादों को ऐसे संजोया गया है इस स्टेशन पर

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महात्मा गांधी जी की आज 73वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित तमान नेताओं ने बापू को श्रद्धांजलि दी है। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।


वही फरीदाबाद की सीमा से सटे पलवल जिला महात्मा गांधी के जीवन की एक विशेष घटना का गवाह है। गांधी जी के जीवन की भारत में पहली गिरफ्तारी 10 अप्रैल 1919 को पलवल रेलवे स्टेशन पर हुई थी। उस समय पलवल फरीदाबाद का ही एक हिस्सा था।

महात्मा गांधी के पहली गिरफ्तारी का गवाह है शहर का यह स्टेशन, गिरफ्तारी की यादों को ऐसे संजोया गया है इस स्टेशन पर

दरअसल स्वाधीनता आंदोलन के खिलाफ ब्रिटिश सरकार ने रोलट एक्ट पास किया। रोलट एक्ट के खिलाफ गांधी जी ने 6 अप्रैल 1919 को सत्याग्रह शुरू किया। सत्याग्रह के समर्थन में पंजाब में स्वाधीनता आंदोलन जोर पकड़ने लगा तो सरकार ने महात्मा गांधी के पंजाब में प्रवेश पर रोक लगा दी। गांधी जी ने अंग्रेजी सरकार के आदेश मानने से इंकार कर दिया और सत्याग्रह आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए मुंबई से ट्रेन के जरिये लाहौर को रवाना हुए। अंग्रेजी सरकार के सिपाहियों ने पंजाब में एंट्री करते ही पलवल रेलवे स्टेशन पर गांधी जी को अरेस्ट कर लिया।

सुबह से शाम तक स्टेशन पर बैठाए रखा और शाम के समय दिल्ली से मुंबई जाने वाली ट्रेन में वापस बैठा दिया। गांधी जी की पहली गिरफ्तारी की यादों को संजोने के लिए गांधी सेवा आश्रम बनाया गया। गांधी सेवा आश्रम की नींव नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 2 अक्टूबर 1938 को रखी।

महात्मा गांधी के पहली गिरफ्तारी का गवाह है शहर का यह स्टेशन, गिरफ्तारी की यादों को ऐसे संजोया गया है इस स्टेशन पर

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। पूरा देश मोहनदास करमचंद गांधी जी को महात्मा गांधी के नाम से नाम से जानती है। महात्मा गांधी अहिंसा प्रिय व्यक्ति थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश को स्वतंत्र कराने में लगा दिया।

Written by Rozi Sinha