वैसे तो खाकी वर्दी वाले देवदूत का कार्य आमजन की रक्षा करना होता है। मगर, समय आने पर यही देवदूत एक डॉक्टर की भूमिका भी अदा कर सकते हैं कभी आपने और हमने सोचा भी नहीं होगा।
मगर फरीदाबाद में पुलिस टीम द्वारा किए गए सराहनीय कार्य के बाद अब हर किसी व्यक्ति को इंसानियत पर एक बार फिर भरोसा होने लगा है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं हरियाणा के अंतर्गत आने वाले फरीदाबाद जिले की।
जहां एक किशोरी प्रसव पीड़ा से चिल्ला रही थी और उसे किसी भी प्रकार से एंबुलेंस की सहायता नहीं मिली तो महिला पुलिस कर्मियों ने पुलिस पीसीआर में ही किशोरी की डिलीवरी करवा मां और नवजात बच्ची दोनों की जान बचा कर सराहनीय कार्य किया है।
यह पूरा वाक्य बीती रात करीबन 12 बजे का है। जब पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना प्राप्त हुई थी एक किशोरी प्रसव पीड़ा से कराह रही है। मगर उसकी सहायता करने वाला कोई नहीं है। ऐसे में सूचना पाते ही महिला पुलिस थाना जोकि फरीदाबाद के सेक्टर 16 ए के अंतर्गत आता है।
वहां से महिला प्रधान सिपाही कपिला और महिला सिपाही पूजा अपने सह पुलिस कर्मियों के साथ मौका ए स्थल पर पहुंची। वहां उन्हें महिला की हालत गंभीर लगी तो उन्होंने तुरंत पीसीआर लेकर बीके अस्पताल ले जाने का सोचा। मगर रास्ते में ही महिला की डिलीवरी हो गई और पुलिसकर्मियों ने सफलतापूर्वक मां और बेटी की जान को बचा लिया।
एक तरफ जहां आपको यह सुनकर बहुत अच्छा लग रहा होगा कि मां और बेटी की जान को बचा लिया गया।मगर शायद आपको यह बात सुनकर बिल्कुल अच्छा नहीं लगे कि उक्त किशोरी दुष्कर्म का शिकार रह चुकी है। दरअसल, किशोरी बहुत निर्धन परिवार से है और परिवार के गुजारे के लिए भीख मांगने यहां वहां जाया करती है।
एक दिन तबीयत खराब होने पर परिजनों ने जांच कराया तो पता चला उनकी बेटी 5 माह से गर्भवती है। समय बहुत अधिक हो चुका था इसलिए गर्भपात कराना नामुमकिन था। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने मामले की जांच करते हुए पता लगाया कि किशोरी राजीव नगर स्थित एक मंदिर के पुजारी के पास भीख मांगने जाया करती थी, तो मंदिर का पुजारी कच्चे चावल देने के बहाने बच्ची के साथ रोज दुष्कर्म किया करता था।
गरीबी के कारण किशोरी के घर में खाने का दाना तक नसीब नहीं हो पाता था। जिसका फायदा पुजारी ने उठाया और रोजाना उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। किशोरी के परिवार में माता-पिता के अलावा एक बहन भी है।