नीलम पुल की जर्जर फुटपाथ व दीवारों की मनोदशा से कितनी जिंदगी करेंगी समझौता

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हर व्यक्ति के जिंदगी का मोल सबसे ज्यादा कीमती बताया जाता है। मगर, बड़े अफसोस की बात है कि हमारे औद्योगिक नगरी कहे जाने वाले फरीदाबाद में यहां कीमती जिंदगियों का कोई मोल ही नहीं समझा जाता।

हम ऐसा इसलिए के रहे है क्योंकि जिस फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी व औद्योगिक नगरी के खिताब से नवाजा जा चुका है उसके प्रवेश द्वार यानी नीलम पूल की मनोदशा ने निगम अधिकारियों की उदासीनता का परिचय दे दिया है।

नीलम पुल की जर्जर फुटपाथ व दीवारों की मनोदशा से कितनी जिंदगी करेंगी समझौता

गौरतलब, लगभग चार महीने पहले यानी 22 अक्टूबर को हुए एक आगजनी के हादसे में नीलम पूल के पिलर्स बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे जिसके बाद से ही नीलम पुल से आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध हो गया था।

ऐसे में पूरा फरीदाबाद जाम की स्थिति से सुबह से शाम तक जूझता हुआ दिखाई दिया था। वही अब जब यह पुल 4 महीने बाद एक बार फिर शुरू ही किया गया है लेकिन उसकी हालत में सुधार देख आमजन यहां से गुजरना मुनासिब नहीं समझ रही है।

नीलम पुल की जर्जर फुटपाथ व दीवारों की मनोदशा से कितनी जिंदगी करेंगी समझौता

इसका कारण था है कि भले ही पिछले दिनों पिलर्स की मरम्मत का काम पूरा होने के उपरांत पुल की सड़क बनाने के बाद आवागमन तो चालू हो गया है, मगर फिलहाल इस अवधि में जर्जर फुटपाथ, डिवाइडर और दीवारों की दयनीय दशा से लेकर वहां पड़ा मलबा निगम के कारनामों की पोल खोल रहा है।

इतना ही नही इसके अलावा आपको बता दें कि दीवार की हालत तो ऐसी हो चुकी है कि ये कभी भी गिर सकती है। प्लास्टर झड़ चुका है, अंदर लगे सरिया दिखाई देने लगे हैं।

नीलम पुल की जर्जर फुटपाथ व दीवारों की मनोदशा से कितनी जिंदगी करेंगी समझौता

वहीं नगर निगम के मुख्य अभियंता रामजीलाल बताते है कि आगजनी से क्षतिग्रस्त हुए नीलम पुल की सड़क की मरम्मत का कार्य अब पूर्ण हो चुका है।

उन्होंने कहा की जल्द ही जर्जर फुटपाथ व दीवार की जांच कराई जाएगी। जिसके बारे में कार्यकारी अभियंता व सहायक अभियंता से रिपोर्ट मांगी जाएगी। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद जल्द मरम्मत कार्य शुरू करा दिया जाएगा।