स्वच्छता सर्वेक्षण का आगाज हो चुका है परंतु जिले में समस्याओं का समाधान अभी तक भी नहीं हो पाया है चाहे वह कूड़े की समस्या हो या फिर सीवर का ढक्कन खुले होने की। शहर में गोबर की समस्या भी अब उत्पन्न हो गई है। जगह- जगह पर लोगों ने गोबर के उपले बना रखे हैं जो स्मार्ट सिटी की सुंदरता पर धब्बा लगा रहा है।
दरअसल जिले के अंदर चल रही डेरियों के चलते जहां एक तरफ सीवर की समस्या उत्पन्न होती है वही अब गोबर की समस्या भी उत्पन्न होनी लगी है। लोग डेरियों का गंदा पानी नालियों में बहा देते है जिससे नाली जाम हो जाती है वही लोग पशुओं के गोबर से सड़क के किनारे या फिर सड़क के बीचों बीच लगे ग्रीन बेल्ट पर उपले बना देते है जिससे स्मार्ट सिटी की सुंदरता पर असर देखने को मिलता है।
शहर के अलग अलग हिस्सों में गोबर की समस्या बनी हुई है जिसमे सेक्टर 21 और राजीव कॉलोनी प्रमुख है। यहां आस- पास रहने वाले लोगों सड़कों के किनारें तथा ग्रीन बेल्ट वाले क्षेत्र पर गोबर से बने डाल देते है यहां फिर सीधा ही उन्हें नालियों में प्रवाहित कर देते है जिससे नालियों के साथ साथ सीवर जाम की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। नगर निगम ने शहरवासियों को इस समस्या से निजात दिलाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए नगर निगम ने टेंडर जारी कर दिया है।
नगर निगम ने करीब 400 डेरियों को शहर से बाहर स्थापित करने की योजना बनाई है जिसके लिए निगमायुक्त यशपाल यादव ने मिर्जापुर में चल रही डेरियों का निरीक्षण किया। एनआईटी, बल्लबगढ़, बड़खल विधानसभाओं में यह समस्या बनी हुई है वही इन क्षेत्रों में सीवर की समस्या भी आम है।
ऐसे में नगर निगम द्वारा किए जा रहे इस इंतजाम से सीवर की समस्या के साथ- साथ गोबर की समस्या से भी निजात मिलेगा।