कोरोना वायरस ने आतंक मचा रखा हैं फरीदाबाद में रोज कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है इस बढ़ते कोरोना पॉजिटिव की संख्या ने स्वास्थ्य विभाग की नींद हराम कर दी हैं मंगलवार को 3 नए कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि की गई हैं और कोरोना पॉजिटिव की संख्या 214 हो गई है
हालांकि अस्पताल से 118 मरीजो को छुट्टी दे दी गई हैं वही अस्पताल मे 81 मरीज अभी तक इस कोरोना से जंग लड़ रहे है साथ ही घर पर 9 पॉजिटिव को होम Quarantine किया गया हैं और कोरोना की वजह से 6 लोगो की मौत हो चुकी हैं
उप सिविल सर्जन एवं जिला नोडल अधिकारी-कोरोना डा. रामभगत ने बताया कि जिला में अब तक 9861 यात्रियों को सर्विलांस पर लिया जा चुका है, जिनमें से 3345 लोगों का निगरानी में रखने का 28 दिन का पीरियड पूरा हो चुका है।
शेष 6510 लोग अंडर सर्विलांस हैं। कुल सर्विलांस में रखे गए लोगों में से 9647 होम आइसोलेशन पर हैं। अब तक 9951 लोगों के सैंपल लैब में भेजे गए थे, जिनमें से 8900 की नेगेटिव रिपोर्ट मिली है तथा 637 की रिपोर्ट आनी शेष है। अब तक 214 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं ।
जिनमें से 81 लोगों को अस्पताल में दाखिल किया गया है तथा 9 पॉजिटिव मरीजों को घर पर आइसोलेट किया गया है। इसी प्रकार ठीक होने के बाद 118 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब तक छह मरीजों की मौत हो चुकी है जिसमें कोरोना के साथ-साथ अन्य विभिन्न बीमारियां भी कारण रही।
उन्होंने बताया कि सभी मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ को कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसी प्रकार पर्यावरण स्वच्छता और शुद्धीकरण के बारे में सरकारी व निजी विभागों के कर्मचारियों को दैनिक आधार पर प्रशिक्षण दिया जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण की पृष्ठभूमि को देखते हुए आम जनता को सरकार द्वारा स्वास्थ्य संबंधी हिदायतों की अनुपालना करने की सलाह दी जाती है। लोगो को ध्यान रखना चाहिए कि खाँसी व छींकते समय रूमाल या तौलिया का उपयोग अवश्य करें, हाथों को बार-बार साबुन व पानी से धोते रहें।
जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें। सार्वजनिक स्थलों व सभाओं में जाने से बचें। जिन लोगों ने हाल ही में कोरोना प्रभावित देशों की यात्रा की है, उन्हें राष्ट्रीय, राज्य या जिला हेल्पलाइन नंबरों पर सूचना देनी चाहिए, उन्हें भारत में आगमन की तारीख से 28 दिनों के लिए सभी से अलग रहना है और किसी से भी स्पर्श करने से बचना है, भले ही उसमें कोई लक्षण न हों।