एक और तो स्वास्थ्य विभाग के द्वारा महामारी को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वह 2 गज की दूरी व मास्क का उपयोग करें। वही समय-समय पर अपने आप को सैनिटाइज करके सुरक्षित रखें। लेकिन वहीं दूसरी ओर जिले का एकमात्र सरकारी बी के अस्पताल में सैनिटाइजर मशीन शोपीस बनी हुई है।
जिसको लेकर अधिकारियों का इस और किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार साल 2020 महामारी का दौर रहा। उस दौरान अस्पतालों में आने वाले मरीजों की सुरक्षा व अस्पताल कर्मचारियों के लिए जगह-जगह सैनिटाइजर मशीन को लगाया गया था।
जिसका उपयोग उस समय काफी संख्या में मरीज अस्पताल का स्टाफ भी किया करता था। लेकिन अब वह मशीन है सिर्फ शोपीस के नाम पर डॉक्टर रूम के बाहर एक कोने में पड़ी हुई नजर आ जाएगी।
पहचान फरीदाबाद की संवाददाता हेमलता रावत व फोटोग्राफर ईशा सिंह के द्वारा बुधवार को बीके अस्पताल की ओपीडी व इमरजेंसी में रखें सैनिटाइजर मशीन का रियलिटी चेक किया गया। जिसमें पाया कि डॉक्टर रूम के बाहर सैनिटाइजर मशीन तो रखी हुई है लेकिन उसमें किसी प्रकार की कोई भी सैनिटाइजर मौजूद नहीं है।
सबसे पहले बीके अस्पताल की ओपीडी में गए। जहां पर हमने देखा कि कमरा नंबर 3 के बाहर जोकि बाल रोग विशेषज्ञ के डॉक्टर की ओपीडी का कमरा है। उस कमरे के बाहर भी महामारी के दौरान सैनिटाइजर मशीन को लगाया गया था। लेकिन अब वही सैनिटाइजर मशीन में एक बैंडेज लटकी भी नजर आ रही है।
कमरा नंबर 4 जो कि एक चर्म रोग विशेषज्ञ के डॉक्टर की ओपीडी के वहां पर भी एक सैनिटाइजर मशीन को लगाया हुआ। लेकिन उस मशीन में जो सैनिटाइजर की बोतल रखी हुई है वह खाली है। उसको दोबारा भरने के लिए किसी भी अधिकारी या फिर यूं कहें कर्मचारी ने जरूरत नहीं समझी।
उसके बाद हमने पाया कि फिजिशियन डॉक्टर के कमरे के बाहर भी एक और सैनिटाइजर मशीन लगी हुई है। मुझे उस मशीन में भी किसी प्रकार की कोई भी सैनिटाइजर्स की बोतल नहीं रखी हुई है। इसकी वजह से वहां पर आने वाले मरीजों को सेनीटाइज करने की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
कैसे होगा पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा कम
स्वास्थ्य विभाग एक और लोगों को जागरूक कर रहा है कि वह 2 गज की दूरी और मास्क का उपयोग करें। लेकिन अगर हम यही नियम बीके अस्पताल में पड़ताल करते हैं तो पाया जाता है कि ओपीडी कार्ड के काउंटर से लेकर ओपीडी में उपचार करवाने हैं व दवाई लेने के काउंटर तक भीड़ देखने को मिलती है।
वहां पर मौजूद मरीजों के द्वारा ना तो 2 गज की दूरी का प्रयोग जा रहा है और उनमें से ज्यादातर मरीजों के द्वारा मास्क का प्रयोग भी नहीं किया जा रहा है। जब तक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अपने ही अस्पताल में इन चीजों का पालन नहीं किया जाएगा। तो आम जनता कैसे हैं उनके नियमों का पालन करेगी।