हरियाणा में जमीनी हकीकत के आधार पर की जाएगी खाली खदानों की नीलामी

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हरियाणा में जमीनी हकीकत के आधार पर खाली खदानों की नीलामी की योजना तैयार की गई है। सभी जिलों में खाली खादानों की नीलामी की जाएगी। खादान एवं भूविज्ञान नीलामी के इस प्रक्रिया को अपनाकर योजना को अंजाम देने में पूरी तरह जुट गया है।

जिले में यमुना रेत की अवैध बिक्री व खरीदारी के अनेक मामले सामने आते रहे हैं। ऐसी में जिले में यमुना रेत की 4 खदानों की नीलामी जल्दी करवाई जाएगी।

हरियाणा में जमीनी हकीकत के आधार पर की जाएगी खाली खदानों की नीलामी

ज्ञात है कि यमुना में अवैध खनन होता रहता है। समय-समय पर यमुना रेत की कालाबाजारी की खबरें सामने आती रहती हैं। इसीलिए हमने रेत की कालाबाजारी को रोकने के लिए यमुना रेत 4 खाली खदानों की नीलामी कराने का निर्णय लिया गया है।

इनकी नीलामी जल्द करवाई जाएगी। कोविड 19 के बावजूद भी इस वर्ष खनन कार्यों से मिलने वाला राजस्व संतोषजनक रहा।

हरियाणा में जमीनी हकीकत के आधार पर की जाएगी खाली खदानों की नीलामी

कोविड-19 के चलते भी वित्त वर्ष 2020-21 में 1022.63 करोड़ रुपए राजेश को प्राप्त हुआ है योगी अन्य वर्षो की तुलना में अधिक रहा। खनन कार्यों में होने वाली कालाबाजारी के चलते हरवंश इतना राजस्व प्राप्त नहीं हो पाता। विभाग इस प्राप्त राजस्व से खुश है। सरकार द्वारा खनन माफिया के खिलाफ कड़े नियम अपनाए जाने का यह असर है।

खान एवं भू विज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा का कहना है कि खनन संबंधी गतिविधियों को सुचारू बनाने के लिए कुछ कड़े नियम व रुख अपनाए गए थे जिनका अब सकरामत्मक असर दिखना शुरू हो गया है।

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष कोवीड के कारण लगे लॉक डाउन की वजह से 26 दिन खनन कार्य पूरी तरह बंद रहा। परंतु इसके बावजूद भी सरकार को 1022.63 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होना बहुत बड़ी बात है।

मूलचंद शर्मा ने बताया कि विभाग के इतिहास में यह पहला मौका है जब इतने दिनों तक कार्य बंद रहने के बावजूद भी खनन कार्यों से राजस्व ने 1000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया।