जब भी कोई व्यक्ति कहीं का सफर तय करता है तो सबसे पहले उसके ज़हन में यह सवाल ज़रूर आता है कि ‘ड्राइविंग लाइसेंस तो हैना मेरे पास’ डीएल की ज़रूरत कभी भी पड़ सकती है। गाड़ी चलाने के लिए आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है। बिना इसके अगर ड्राइविंग करते हैं तो यह गैरकानूनी होता है। ड्राइविंग लाइसेंस के साथ गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी रखना भी कानूनी तौर से जरूरी है।
देश में कई लोग आज भी बिना डीएल के गाड़ी चला रहे हैं। ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं। अब ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए नए-नए नियम लागू किए जा रहे हैं। अब बहुत जल्द डीएल बनवाने की प्रक्रिया में एक नया नियम जुड़ने वाला है। इसमें आपको एक खास वीडियो ट्यूटोरियल से गुजरना होगा।
सड़क पर गाड़ी चलाने से पहले आपके पास ज़रूरी दस्तावेज होना काफी आवश्यक है। ड्राइविंग लाइसेंस की यह नई प्रक्रिया इसी साल नवंबर महीने में लागू की जा सकती है। इसमें डीएल के लिए आवेदन करने वाले को टेस्ट के लिए जाने से एक महीने पहले अनिवार्य रूप से सेफ ड्राइविंग वाले ऑनलाइन वीडियो ट्यूटोरियल से गुजरना होगा। इसके अलावा आवेदक को दुर्घटना इत्यादि से प्रभावित लोगों के पारिवारिक सदस्यों से साक्षात्कार भी करना होगा।
अभी लर्निंग लाइसेंस बनवाने के दौरान भी एक पुस्तक पढ़ने को दी जाती है। उसके बाद टेस्ट होता है। अगर आपके पास पहले से ड्राइविंग लाइसेंस है और आप ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं तो आपको सेफ्टी सर्टिफिकेट कोर्स से गुजरना होगा। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों को 3 महीने में रिफ्रेशर कोर्स पूरा करना होगा।
डीएल के साथ – साथ हेलमेट भी काफी ज़रूरी है। ट्रैफिक नियमों का जो पालन करता है वही अच्छा ड्राइवर माना जाता है न कि तेज़ दौड़ाने वाला। तेज़ कोई भी दौड़ा ले लेकिन सेफ जो चलाए आजकल की भाषा में कहें तो वही हैवी ड्राइवर है।