दिल्ली- एनसीआर को सांसें देने वाले अरावली इन दिनों बदहाल है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी यहां कटाई पर रोक नहीं लग पाई है जिसके कारण अरावली की वादियां उजड़ रही है।
दरअसल अरावली में कई अवैध फार्म हाउस के अलावा छोटे-मोटे निर्माण कार्य भी लगातार चल रहे हैं। पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट लागू होने के कारण अरावली में पेड़ों को काटने की मनाही है परंतु एक्ट लागू होने के बावजूद भी अरावली में जमकर पेड़ों की कटाई की जाती है इतना ही नहीं वहां अवैध खनन भी किया जाता है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वन क्षेत्र के पुनरुद्धार के आदेश भी दिए हैं परंतु खोरी गांव तथा कांत एंक्लेव में हुए तोड़फोड़ के चलते यह नहीं हो पा रहा।
गौरतलब है कि बीते दिन ऑक्सीजन को लेकर पूरी फरीदाबाद में काफी मारामारी देखने को मिली। ऑक्सीजन का सीधा संबंध पेड़ पौधों से है। यदि पेड़ पौधे नहीं होंगे तो ऑक्सीजन की कमी भी देखने को मिलेगी ऐसे में अरावली का दोहन प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। अरावली का ज्यादातर हिस्सा फरीदाबाद से लगता है जिसमें बडखल, मांगर, पाली आदि क्षेत्र स्थित है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी अरावली की वादियों में अवैध दोहन नहीं रुक रहा है। भू माफिया प्रशासन की नजरों से बचते हुए यहां लगाता खनन कर रहे हैं वही कुछ समाज सेवी संस्थाएं लगाकर अरावली को बचाने के लिए काम कर रहे हैं।
अरावली को लेकर आए दिन ट्विटर पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है तथा प्रशासन से अरावली को बचाने की अपील की जाती है। सेव अरावली सामाजिक संस्था लगातार अरावली को बचाने का काम करती है तथा प्रशासन को बार-बार इस विषय में ध्यान दिलाने का काम करती है परंतु इन सब के बावजूद भी अरावली में अवैध खुदाई नहीं रुक रही है।