कामयाबी पाने के लिए अगर बेताबी है,तो हिम्मत और हौसला बरकरार रखना ज़रूरी है। सिक्खिम की एक महिला किसान ने एक मुर्गी से अपना व्यवसाय शुरू किया। अब वह 50 मुर्गों तक पहुंच गई है। आर्थिक तंगी से जूझने वाली महिला किसान अब बेहतर जीवन जी रही है। वह मुर्गी बेचने के साथ साथ अंडे बेचने का भी काम करते है। सिक्किम की रहने वाली लयकी डोमा सात भाई बहन है। उनके पिता भी खेती-बाड़ी का काम करते थे।
दुनिया गिराने की कोशिश बहुत करती है पर उनकी कोशिशों को नाकामयाब करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। परिवार की आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के कारण स्कूल की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाई। दूसरे भाई बहन भी अधिक पढ़े लिखे नहीं थे। साल 2017 में उनकी शादी गई।
सफलता पाने के लिए खुद को तैयार करना ज़रूरी है। क्योंकि कठिनाई तो बस उस तपती गर्मी की भाप है अभी आगे आग झेलनी है। इन्होनें भी ऐसा ही किया। लयकी डोमा को सुसराल में भी परेशानी का सामना करना पड़ा। सुसराल में भी हालात खराब थे। उनके पास तो खेती की जमीन भी नहीं थी। ऐसे में लयकी डोमा ने मुर्गी पालन करने का निर्णय लिया।
उनको कुछ करके दिखाना था। यही कारण रहा कि वह कृषि के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र गई। यहां से उनके जीवन के बदलाव की शुरुआत हो गई। लयकी डोमा जब विज्ञान केंद्र पहुंची तो वहां के विशेषज्ञो ने उन्हें मुर्गी पालन करने की सलाह दी। डोमा ने कृषि विज्ञान केंद्र से ही मुर्गी पालन का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उन्होंने अपने नए जीवन की शुरुआत कर दी।
हमें उन लोगो पर उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए जो आलोचना हमेशा करते है, एक दिन जब सफलता मिलेगी तो वो भी आपकी सफलता को देखेंगे। लगातार बढ़ते रहिये।