नगर निगम फरीदाबाद इन दिनों भ्रष्टाचार का गढ़ बना हुआ है। 2018 से लगातार भ्रष्टाचार के नए नए मामले निगम से सामने आते हैं जिसमें निगम के कनिष्ठ अधिकारियों से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक शामिल रहते हैं। इन भ्रष्टाचार के मामलों में जांच फाइलों में ही दबकर रह जाती है।
1. 2018 में निगमायुक्त मोहम्मद शाइन ने प्लानिंग ब्रांच की कुछ फाइलों के गायब होने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी। इसका भी आजतक कोई पता नहीं।
2. 2. जनवरी 2019 में निगम के ओल्ड फरीदाबाद कार्यालय में डीजल घोटाला सामने आया। पता चला कि कर्मचारी निगम के जनरेटर का डीजल चुराकर खुले बाजार में बेच देते थे। इसमें भी जांच पूरी नहीं हो सकी।
3. 3. जनवरी 2020, महंगाई भत्ता शाखा में कार्यरत एक कर्मचारी द्वारा वकीलों की फीस अपने ही बैंक खाते में ट्रांसफर करने का मामला अभी भी जांच के लिए लंबित है।
4. 4. जनवरी 2020 में पानी के बिल को कम करवाने के एवज में रिश्वत मांगने वाले कर्मचारी को विजिलेंस टीम पकड़ चुकी है।
5. नगर निगम की वित्तीय शाखा में लगी आग की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। जल्द इस मामले से पर्दा उठेगा। इसके अलावा स्ट्रीट लाइट और विज्ञापन मामले की जांच जारी है। घोटाले संबंधी मामलों में जल्द कार्रवाई की जाएगी।
बहरहाल, निगम के घोटालों की फेहरिस्त काफी लंबी है। सभी घोटालों में जांच की बात कही जाती है परंतु एक समय अंतराल के बाद जांच भी ठंडे बस्ते में चली जाती है ऐसे में यह सोचने का विषय है कि ना जाने कितने घोटाले निगम में हो रहे होंगे जिनकी जानकारी किसी को नहीं है।