देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कार्यालय में कार्यरत आला अधिकारियों से लेकर, परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय को आश्वस्त करने वाले उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में अगस्त्यमुनि ब्लॉक के बेंजी गांव निवासी और वैक्सीन मैन के नाम से मशहूर चंद्रबल्लभ बेंजवाल के निधन से गांव में शोक की लहर है।दरअसल, उन्होंने ही इस बात पर सहमत होते हुए कहा था कि बीआईबीसीओएल देश को सस्ती वैक्सीन दे सकता है
वहीं परिणाम स्वरूप उन्होंने प्रजेंटेशन भी दिया। जिसके उपरांत केंद्र सरकार ने बीआईबीसीओएल को संक्रमण की वैक्सीन बनाने की अनुमति प्रदान कर दी थी। बेंजवाल स्वदेशी कोवाक्सिन निर्माण प्रोजेक्ट के हेड भी थे। 18/19 अप्रैल को कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था।
उन्होंने वैक्सीन प्रोजेक्ट से जुड़े हर पहलुओं का स्वयं निरीक्षण किया। यहां तक कि नाक में ऑक्सीजन नली लगी होने के बाद भी वैक्सीन मैन अपने आखिरी दिनों तक प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी लेते हुए जरूरी फाइलों की स्वयं जांच रहे थे।
जानकारी दी आपको बताते चलें कि वैक्सीन मैन ने देश को पोलियो मुक्त करने में भी अहम भूमिका निभाई। उनके ही नेतृत्व में पोलियो के टीके का निर्माण हुआ था। साथ ही अन्य कई दवाएं भी उनकी देखरेख व मार्गदर्शन में बनी हैं जो प्राइवेट कंपनियों से बहुत सस्ती हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद बेंजवाल पैतृक गांव में ही जीवन गुजारना चाहते थे। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान उन्होंने पैतृक मकान की मरम्मत भी करा ली थी।
लेकिन, उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई। उनके निधन के बाद से ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। हर किसी को उनका जाना खल रहा है। पर वो कहते हैं ना जिंदगी और मौत दोनों ही इंसान के हाथ से बाहर होती हैं इसलिए जाने वाले को तो कोई रोक नहीं सकता लेकिन आप लोग उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ कर रहें हैं।