जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने बीते मार्च में शहर भर को 30 जून तक कचरा मुक्त करने की बात कही थी, परन्तु 30 जून आने में अब केवल हफ्ते भर का समय रह गया है परंतु अब तक शहर भर से कचरों के खत्तों का निपटारा नही हो पाया है।
शहर के अलग- अलग हिस्सों में कचरे का ढ़ेर लगा हुआ है परंतु नगर निगम का इस पर कोई ध्यान नही है। दरअसल, शहर भर से कचरा एकत्र करने का काम नगर निगम ने ईकोग्रीन को दिया है परंतु ईकोग्रीन कंपनी की कार्यशैली से नगर निगम पार्षद से लेकर आम जनता तक कोई भी संतुष्ट नही है।
ईकोग्रीन कंपनी की कचरा एकत्रित करने वाली गाड़ी समय व नियमित तौर पर वार्डों में नही पहुंचती है, जिससे लोग अपने घरों का कचरा खाली प्लॉटों तथा सड़को पर ड़ाल देते है।
एनआईटी 86 के अंर्तगत आने वाले एयरफोर्स रोड़ पर कचरे का अंबार लगा हुआ है। इकोग्रीन गाड़ियों की अनियमितताओं के कारण पूरा शहर कचरे के खत्तों के रूप में तब्दील होता जा रहा है।
कर्मचारियों का टूल डाउन पड़ रहा है भारी
वेतन की मांग को लेकर नगर निगम कर्मचारियों ने पिछले 2 दिनों से टूल डाउन किया हुआ है। नगर निगम कर्मचारी संगठन में सफाई कर्मचारी भी शामिल है। सफाई कर्मचारियों के टूल डाउन के कारण शहर की सफाई नहीं हो पा रही है। सफाई ना होने के कारण शहर के अलग-अलग हिस्सों में कूड़े का अंबार लगा हुआ है।
गौरतलब है कि जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शहर भर को 30 जून तक कचरा मुक्त करने के आदेश दिए थे परंतु आदेशों की जमीनी स्तर पर धज्जियां उड़ रही है।