नगर निगम ने ईडीसी जमा नही करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया हुआ है। उद्योगों से पैसा वसूली के लिए जल्द ही सीलिंग अभियान चलाया जायेगा। अभियान के दौरान करीब 30 कंपनियों पर गाज गिर सकती है। इसके लिए निगमायुक्त ने आदेश जारी कर दिए है।
दरअसल, नगर निगम की आर्थिक स्थिति इन दिनों बेहद खराब है। नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार निगम के पास पैसे कमाने का एक जरिया केवल प्रॉपर्टी टैक्स है। इससे निगम अपने कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रहा है।
दूसरी तरफ नगर निगम भी अपनी तरफ से आय के साधन नही जुटा पा रहा है जिससे कि निगम का राजस्व बढ़ सके। शहर में जो भी विकास कार्य किए जा रहे है, वह मुख्यमंत्री की घोषण के तहत हो रहे है। जनरल फंड से नगर निगम ने विकास कार्य करना बंद कर दिया है। यही कारण है कि शहर की खस्तहाल सड़कों की मरम्मत नहीं करवाई जा सकी है। हार्डवेयर सोहना रोड व सेक्टर 12 मुख्य सड़क की हालत खस्ता बनी हुई है।
बकाया वसूली तेज करेगा निगम
नगर निगम प्रशासन गृहकर विकास शुल्क, सीएलयू आदि मदों की बकाया राशि की वसूली तेज करेगा ताकि नगर निगम के खर्चों पर काबू पाया जा सके। शहर में करीब 125 करोड़ रुपए गृहकर बकाया है उसे महामारी में नहीं वसूला जा सका है।
नगर निगम आयुक्त डॉ गरिमा मित्तल ने बताया कि नगर निगम के प्रतिमाह का खर्चा करीब 28 करोड़ रुपए है लेकिन बकाया वसूली के मामले में निगम काफी पीछे है।
इसलिए राजस्व वसूली के मामले में बढ़ोतरी के लिए निगम अब ईडीसी वसूली अभियान शुरू किया है। इसके तहत पहले चरण में उद्योगों पर कार्यवाही की जाएगी। बकाया जमा नहीं करने वाले 30 उद्योगों को सील किया जायेगा।