गूगल के साथ काम करने का सपना देखने वाले चरखी दादरी के समसपुर गांव निवासी जितेंद्र फोगाट का सपना अब पूरा हो चुका है। जितेंद्र का कहना है कि वह हमेशा से ही गूगल में जाने का सपना देखते रहे हैं। इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत भी की है।
जितेंद्र ने बताया कि उन्हें गूगल की तरफ से 1.8 करोड़ रुपए का सालाना पैकेज मिला है। जितेंद्र की सफलता से न केवल वे बल्कि उनका पूरा परिवार काफी उत्साहित है।
बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर जितेंद्र का गूगल में चयन हुआ है। बता दें कि उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा भी अमेरिका से ग्रहण की है। जितेंद्र ने बताया कि 7 महीनों की तैयारी के बाद पहले ही आवेदन में उनका चयन हो गया था। जिसके बाद उन्होंने अमेरिका स्थित गूगल ऑफिस भी ज्वाइन कर लिया है।
चरखी दादरी निवासी जितेंद्र फोकट की प्रारंभिक शिक्षा दादरी शहर के ही केएन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई। स्कूली शिक्षा के बाद लिंगापत यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में उन्होंने बीटेक की तथा इंफोसिस कंपनी चंडीगढ़ ऑफिस में उन्होंने कुछ समय तक सेवाएं भी दी। जितेंद्र आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते थे जिसके लिए वे अमेरिका यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास चले गए।
हमेशा से ही गूगल में जाने का सपना देखने वाले जितेंद्र ने बताया कि उन्होंने अपने इस सपने को साकार करने के लिए प्रतिदिन सात से आठ घंटे तक पढ़ाई की। इसके लिए उन्होंने 7 महीनों तक खूब तैयारी की और कंपनी में आवेदन किया।
केवल 0.2 प्रतिशत चयन की संभावना गूगल कंपनी में होती है। कड़ी मेहनत से अच्छा पैकेज मिलने के साथ जितेंद्र का गूगल के साथ काम करने का सपना पूरा हुआ है। जितेंद्र ने कहा कि अपने परिवार के सहयोग और गुरुजनों के मार्गदर्शन से ही यह संभव हो पाया है।
अपने परिवार के बारे में जानकारी देते हुए जितेंद्र ने बताया कि उनके पिता रणवीर फौगाट अंग्रेजी प्राध्यापक के पद पर थे जो कि कुछ समय पहले ही सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी मां रोशनी देवी गृहिणी हैं तथा बहन रवीना फोगाट एमबीबीएस की पढ़ाई के पश्चात रोहतक मेडिकल कॉलेज में गायनोलॉजिस्ट एमडी कर रही है। जितेंद्र के नाना चौधरी कपूर सिंह चहल रिटायर्ड हेड मास्टर है, उनका पैतृक गांव नीमडी है। बेटे जीतेंद्र फोगाट की सफलता से उनका पूरा परिवार काफी खुश एवं उत्साहित हैं।