महामारी की दूसरी लहर अब अपने अंतिम चरण पर है और सरकार तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के विद्यार्थियों की सुरक्षा को देखते हुए ऑक्सीमीटर उपलब्ध करवाने की योजना बनाई है। इसके मद्दे नज़र सरकार ने स्कूलों में आठवीं तक के विद्यार्थियो के लिए ऑक्सीमीटर उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है। ताकि समय समय पर बच्चों का ऑक्सीजन लेवल मापा जा सके।
तीसरी लहर को देखते हुए शिक्षा विभाग ने अपनी कमर कस ली है। इसके तहत शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि सभी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को ऑक्सीमीटर दिए जायेंगे।
शिक्षा विभाग के अनुसार सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को ऑक्सीमीटर उपलब्ध करवा दिए गए हैं। महामारी की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों में ऑक्सीमीटर देने का फैसला लिया है। सरकार का यह कदम सराहनीय है। स्कूल आने वाले बच्चों का प्रतिदिन ऑक्सीजन लेवल चेक किया जाएगा।
जांच के दौरान अगर किसी बच्चे का ऑक्सीजन लेवल कम होगा, तो उसे चिकित्सक की सलाह अनुसार उपचार दिया जाएगा। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बिजेंद्र सिंह श्योराण ने बताया कि जिले में पहली से आठवीं तक के कुल 579 स्कूल हैं और इनमें करीब 43 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। सभी बीईओ को ऑक्सीमीटर भेज दिए गए हैं। हर कक्षा में एक ऑक्सीमीटर दिया गया है।
शिक्षा विभाग ने यह भी बताया कि स्कूल स्टाफ द्वारा रोजाना आने वाले विद्यार्थियों के ऑक्सीजन लेवल की जांच करेंगे। यदि किसी बच्चे का ऑक्सीजन लेवल कम होगा तो चिकित्सक की सलाह अनुसार उसका उपचार करवाया जायेगा।
साथ ही विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि अगस्त या सितंबर तक महामारी की तीसरी लहर आ सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि इससे सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होंगे। ऐसे में सरकार का स्कूलों में ऑक्सीमीटर उपलब्ध करवाने का यह फैसला सराहनीय है।