चूहों ने कुतर दी मेहनत की कमाई अलमारी में घुस कर 2 लाख रूपए खा डाले, अपने इलाज के लिए बड़ी मुश्किल से जुटाई थी इन्होनें रकम

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    कड़ी मेहनत कर के लोग पैसा बचाते हैं। खून पसीने की कमाई को यदि चूहे नष्ट कर दें तो दिल का दौरा पड़ने वाली सिचुएशन आ जाती है। एक किसान की जमापूंजी उसकी फसल की पैदावार होती है। जिसे बेचकर वह अपनी मेहनत की कमाई घर लाता है। लेकिन वही कमाई अगर डूब जाए तो उसपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है। तेलंगाना का एक सब्जी विक्रेता ऐसी ही परेशानी का सामना कर रहा है। सब्जी विक्रेता रेडया की कमाई को चूहों ने कुतर दिया।

    उसकी समस्या को समझने वाला शायद ही कोई होगा। कड़ी मेहनत से उसके उन पैसों को जोड़ा था लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। बैंक के अधिकारियों ने भी रुपये बदलने से इनकार कर दिया और हैदराबाद रिजर्व बैंक जाने का सुझाव दिया।

    चूहों ने कुतर दी मेहनत की कमाई अलमारी में घुस कर 2 लाख रूपए खा डाले, अपने इलाज के लिए बड़ी मुश्किल से जुटाई थी इन्होनें रकम

    आपने भी अपने घरों में चूहों को कूद-फांद करते देखा होगा। लेकिन यह इतनी बड़ी मुसीबत पैदा कर सकते हैं इसे नहीं सोचा होगा। बुजुर्ग रेडया सब्जी बेचकर अपना खर्च चलाता है। अचानक एक दिन बुजुर्ग रेडया की तबीयत खराब हो गई। वह एक निजी अस्पताल में डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर ने जांच की। जांच में पता चला कि रेडया के पेट में ट्यूमर है। डॉक्टर ने बताया कि उसकी सर्जरी करनी पड़ेगी और इलाज में लगभग चार लाख रुपये लगेंगे।

    चूहों ने कुतर दी मेहनत की कमाई अलमारी में घुस कर 2 लाख रूपए खा डाले, अपने इलाज के लिए बड़ी मुश्किल से जुटाई थी इन्होनें रकम

    यह सब सुनकर उसकी हालत नाज़ुक हो गयी। दुखों का पहाड़ उसपर टूटने लगा। रेडया ने बताया कि उसके पास इतने पैसे नहीं थे। लेकिन उसे जल्द से जल्द ट्यूमर का इलाज कराना था। क्योंकि उसका दर्द बढ़ता ही जा रहा था, जो असहनीय था। उसने सब्जी बेचकर और उधार लेकर पैसा एकत्र किया। उसने दो लाख रुपये अपने इलाज के लिए जुटाए और पैसों को अपने घर के तिजोरी में रख दिया।

    चूहों ने कुतर दी मेहनत की कमाई अलमारी में घुस कर 2 लाख रूपए खा डाले, अपने इलाज के लिए बड़ी मुश्किल से जुटाई थी इन्होनें रकम

    उसे पता नहीं था कि अब उसके साथ बहुत बुरा होने वाला है। कुछ दिनों बाद जब उसने तिजोरी में रखे पैसे निकाले तो उसके होश उड़ गए। सारे पैसों को चूहों ने कुतर दिया था। स्थानीय लोगों ने उसे बैंक जाकर पैसे बदलने की सलाह दी। इस पर वह बैंक गया, लेकिन यहां भी उसे मायूसी ही हाथ लगी। बैंक अधिकारियों ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और हैदराबाद के रिजर्व बैंक जाने की सलाह दी।