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महामारी की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरा, स्कूल में लिए जाएंगे सेंपल

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महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। भले ही प्रतिदिन लाखों की संख्या में वैक्सीनेशन हो रहे हैं लेकिन लोगों को इसके बावजूद भी सख्ती बरतनी की आवश्यकता है। महामारी की पहली व दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर भी दस्तक दे चुकी है। कोरोना की तीसरी लहर से संक्रमण का सबसे अधिक खतरा बच्चों में है।

विशेषज्ञ चिकित्सक दो से तीन पीढ़ी बच्चों में महामारी का गंभीर संक्रमण की संभावना जता रहे हैं। लेकिन परिजनों की नियमित मॉनिटरिंग और सतर्कता से बच्चो के प्रति इस खतरे को ताला जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग अब इसी राह पर है ताकि कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को संक्रमित होने से बचाया जा सके।

महामारी की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरा, स्कूल में लिए जाएंगे सेंपल

सिविल सर्जन ने आदेश भी जारी किए हैं कि जिले में प्रत्येक सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में आने वाले हर एक विद्यार्थी का कोविड-19 का सैंपल करवाया जाए, ताकि कोरोना के संक्रमण को सही समय पर नियंत्रण में लाया जा सके और बच्चों को इसके प्रभाव से सुरक्षित रखा जा सके।

इस विषय में जिला शिक्षा अधिकारी के नाम पर भी पत्र भेज दिया गया है। सीएमओ डॉक्टर अशोक कुमार का कहना है की जिला शिक्षा अधिकारी के नाम भेजे पत्र आईडीएसपी/21/67 में 4 अगस्त को अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रदेश सरकार द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोविड-19 की तीसरी लहर को देखते हुए यह निर्देश दिए गए हैं कि जिले के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों के कोविड के सैंपल लिए जाएं,

महामारी की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरा, स्कूल में लिए जाएंगे सेंपल

ताकि बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि आप के अंतर्गत जिला महेंद्रगढ़ में आने वाले सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के प्रधानाचार्य को भी यह आदेश दी जाएगी वे स्कूल में आने वाले सभी विद्यार्थियों का कोविड-19 का टेस्ट करवाएं, ताकि जिले में कोरोना संक्रमण के केसों में नियंत्रण रखा जा सके। यह सूचना सीएमओ द्वारा उपायुक्त के पास भेज दी गई है।

महामारी की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरा, स्कूल में लिए जाएंगे सेंपल

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मदन लाल यादव का कहना है कि यदि परिजनों की सजगता और सतर्कता नियमित बनी रहे तो बच्चों को महामारी के संक्रमण से बचाया जा सकता। उनका कहना है कि यदि बच्चों में शारीरिक रूप से थोड़ा परिवर्तन भी नजर आता है तो डॉक्टर की सलाह ली जाए। डॉक्टर मदनलाल ने सतर्क करते हुए कहा कि सामान्य बुखार भी कोविद हो सकता है। ऐसे में यदि घर का कोई भी सदस्य संक्रमित हो तो बच्चे की जांच करानी चाहिए। आईटीपीसीआर और रेपिड एंटीजन टेस्ट भी इसमें करा सकते हैं।

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