प्रदेश में किए जाने वाले विकास कार्य अधिकांश समय है झोलमाल का मामला सामने आता है मगर इस बार इन पर निगरानी रखने हेतु कमेटिया गठित कर दी गई है, जो समय समय पर क्षेत्र में यानी फील्ड में उतर कर उनके दायरे में किए जाने वाले विकास कार्यों का निरीक्षण कर पूरी निगरानी रखेगा। इसके अलावा कुछ भी झोलमाल या फिर गड़बड़ा मामला सामने आने पर अफसरों पर त्वरित कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। वहीं दूसरी ओर कमेटियां यह देखेंगी कि विधानसभा में पास होने वाले बजट का सरकार सही तरीके से प्रयोग कर रही है या नहीं।
वही सबसे अहम विधान सभा अध्यक्ष ने कमेटियों की अध्ययन यात्राओं को अधिकाधिक उपयोगी बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विधायकों और अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल दूसरे प्रदेशों की यात्रा पर जाने से पहले अपना उद्देश्य स्पष्ट करें। कमेटी निर्धारित समयावधि में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि इसका सीधा लाभ प्रदेश को मिल सके।
बताते चलें कि ऐसे में विधानसभा की कमेटियां अब पहले से ज्यादा सक्रिय रहते हुए कमेटियों के उन सदस्यों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, जो बैठकों में नहीं आ रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक फिलहाल विधायक कुलदीप बिश्नोई, किरण चौधरी आदि बैठकों में शिरकत नही करेंगे। जिसके बाद ऐसे विधायकों को पहले नोटिस के माध्यम से बताया जायेगा कि यदि वह कमेटी की बैठकों में नहीं आते हैं तो उनकी सदस्यता खत्म कर दूसरे विधायकों को सदस्य बनाया जाएगा। विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने इन सभी मसालों को लेकर कमेटियों सभापतियों, अधिकारियों और प्रभारियों के साथ बैठक कर यह योजना बनाई।
इस बाबत गुप्ता का कहना है कि विधान सभा प्रत्यक्ष रूप से जनता के प्रति जवाबदेह है। प्रदेश के मेहनतकश नागरिक अपनी गाढ़ी कमाई से टैक्स देकर सरकारी खजाना भरते हैं। इस धन को खर्च करने की अनुमति सरकार सदन से लेती है। इसलिए इसका समुचित सदुपयोग सुनिश्चित करवाना विधायिका की जिम्मेदारी है। संसदीय कार्यप्रणाली में सरकारी खर्चों पर निगरानी रखने के लिए कमेटियों का प्रावधान हैं। विकास कार्यों में गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर इन कमेटियों को संज्ञान लेने का पूरा अधिकार है।
शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं विषय पर गठित कमेटी की सभापति सीमा त्रिखा ने बताया कि फरीदाबाद में रक्तदान की धांधली रोकने के लिए उनकी कमेटी ने बड़ा प्रयास किया, इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं।
जन स्वास्थ्य, सिंचाई, विद्युत और निर्माण पर विषय कमेटी के सभापति दीपक मंगला ने जींद का दौरा किया। उन्होंने कहा वे पांच विधायकों और अधिकारियों को लेकर शहर पहुंचे तो पाया कि पीडब्ल्यूडी ने सीवरेज की लाइनें बिछाने में पूरी तरह से अंधेरगर्दी की हुई है। जगह-जगह से टूटे रोड को न तो ठीक किया गया और न ही सीवरेज की लाइनें आपस में जोड़ीं। विभाग की इस कारगुजारी से जनता का धन तो बहुत खर्च हो गया, लेकिन इसका लाभ लोगों को नहीं मिल सका।
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