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DM की कुर्सी से बैडमिंटन के मैदान तक, जानिए कौन हैं टोक्यो पैरालंपिक में तिरंगा लहराने वाले IAS सुहास

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टोक्यो में चल रहे पैरालंपिक गेम्स में नोएडा के डीएम सुहास एल यथिराज ने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीत शानदार जीत दिलवाई है। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में इतिहास रच दिया है। पुरुष सिंगल्स बैडमिंटन स्पर्धा एसएल-4 में उन्होंने रजत पदक जीतकर देश का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है। फाइनल में उनका मुकाबला फ्रांस के खिलाड़ी लुकास माजुर के साथ था, जिसमें लुकास ने 2-1 से जीत हासिल की।

टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत इस साल शानदार प्रदर्शन कर रहा है। सुहास की जीत से देश भर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। खासकर नोएडा के लोगों में विशेष प्रसन्नता देखी जा सकती है। रजत पदक मिलने की खुशी में सुहास को बधाइयों का तांता लग गया है। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक उन्हें बधाई दे रहे हैं। उनके परिजनों ने भी जीत पर खुशी जाहिर की है। 

DM की कुर्सी से बैडमिंटन के मैदान तक, जानिए कौन हैं टोक्यो पैरालंपिक में तिरंगा लहराने वाले IAS सुहास

पैरालिंपिक खेलों के बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में पहुंच कर ऐतिहासिक कारनामा करने वाले आईएएस सुहास एल. यथिराज। रजत पदक जीतने के बाद पीएम मोदी ने बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास एल यथिराज से फोन पर बातचीत की। पीएम ने पैरालंपिक्स खेलों में देश का सर ऊंचा करने पर उन्हें हार्दिक बधाई दी। उन्होंने सुहास के लिए ट्वीट भी किया। पीएम ने लिखा कि सेवा और खेल का अद्भुत संगम, सुहास यथिराज ने अपने असाधारण प्रदर्शन के चलते पूरे देश की कल्पना पर कब्जा कर लिया है, उन्हें बैडमिंटन में रजत पदक जीतने पर बधाई, सुहास को भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएं। 

DM की कुर्सी से बैडमिंटन के मैदान तक, जानिए कौन हैं टोक्यो पैरालंपिक में तिरंगा लहराने वाले IAS सुहास

टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन के एसएल-4 कैटेगरी के फाइनल में नोएडा के डीएम सुहास एल यथिराज को रजत पदक से संतोष करना पड़ा है। वहीं, फोन पर बातचीत के दौरान सुहास ने अपने सफर में साथ और आशीर्वाद देने के लिए भगवान का धन्यवाद किया। उन्होंने पीएम मोदी को भी उनके सपोर्ट के लिए धन्यवाद कहा। सुहास ने पीएम मोदी से कहा कि टोक्यो के लिए रवाना होने से पहले आपने हमें संबोधित करते हुए कहा था कि सामने कौन है इसपर ध्यान दिए बिना हमें केवल अपने गेम पर फोकस करना है। इससे हमें बहुत हौसला मिला।

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खेले गए इस गोल्ड मेडल मैच के दौरान स्टेडियम का माहौल बेहद गर्मजोशी से भरा हुआ था। अपने बचपन और संघर्ष के दिनों को याद करते हुए सुहास ने कहा कि मैं एक बहुत ही छोटे से शहर का रहने वाला हूं। जब मैं छोटा था तो कभी सोचना नहीं था कि जिंदगी में आईएएस बनूंगा, कलेक्टर बनूंगा या पैरालंपिक में मेडल मिलेगा लेकिन भगवान की कृपा और आपके आशीर्वाद से यहां तक आया।

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