मानसून का आगाज होते ही सितंबर तक भी बारिश बरसने का सिलसिला लगातार जारी है। मौसम साफ होते होते भी अचानक करवट लेता मौसम किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच देता हैं। दरअसल, नमी अद्र वाले मौसम के चलते फसलों में गलन का सिलसिला शुरू हो गया हैं। वहीं दूसरी ओर चिंता की बात तो यह है कि मौसम विभाग के अनुसार, 18 से 21 सितंबर तक हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है, जिसके लिए अलर्ट भी जारी किया जा चुका है।
वहीं हरियाणा में कहीं-कहीं तथा पश्चिमी हरियाणा में कुछ एक स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। 18 सितम्बर से 21 सितम्बर के बीच राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में हवाएं चल सकती हैं व गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश भी संभावित है।
गौरतलब, सितंबर माह में लगातार हो रही बारिश के कारण कपास पैदा करने वाले किसानों का काफी नुकसान झेलना पड़ा है। हिसार के कई एरिया और फतेहाबाद जिले में भी बारिश के कारण नुकसान हुआ है। किसानों ने खराब फसलों की स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग भी प्रशासन से की है।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की तरफ से जारी मौसम अनुमान के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने एक कम दबाब के क्षेत्र व साथ में राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने तथा टर्फ रेखा दक्षिण में आने से मानसूनी हवाओं की सक्रियता बढ़ेगी।
इससे हरियाणा राज्य में पिछले एक सप्ताह से बीच-बीच में ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में 1 जून से 14 सितम्बर तक 505.7 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है है, जो सामान्य बारिश (418.8मिलीमीटर) से 21 प्रतिशत अधिक हुई है। अब दोबारा से बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाब के क्षेत्र बनने के लगा है।
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