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बहुत चिल्ला लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, अगर दम हो तो सरकारी स्कूल की छात्राओं को छत दिला कर दिखाओ

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देश का वो राज्य जहां से अब तक ना जाने कितने खिलाड़ियों ने अपना दमखम दिखा कर हरियाणा का नाम पूरे विश्व में विख्यात किया है। हरियाणा जहां अब दिन प्रतिदिन खिलाड़ियों का गढ़ बनता जा रहा है तो वही यही प्रदेश जहां से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया गया था। मगर अब स्कूल जाने वाली छात्राओं के लिए यह नारा केवल एकमात्र राइम की लाइन मात्र रह गई हैं। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि पिछले छह महीने से हरियाणा में बेटियों के लिए बन रहे नए स्कूल भवन का निर्माण की राह निहारता रहता हैं।

दरअसल, रेवाड़ी के सर्कुलर रोड़ स्थित सरकारी गर्ल्स स्कूल का काम ठेकेदार द्वारा मार्च माह में ही बंद कर दिया था। तब से शिक्षा विभाग और पीडब्ल्यूडी में केवल पत्र संवाद ही चल रहा है। 16 जुलाई से शुरू हुए स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों को बरसात के सीजन में भी पुराने जर्जर कमरों में ही कक्षाएं लगानी पड़ रही हैं।

बहुत चिल्ला लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, अगर दम हो तो सरकारी स्कूल की छात्राओं को छत दिला कर दिखाओ

सर्कुलर रोड स्थित छठी से 12वीं तक के सरकारी गर्ल्स स्कूल का भवन कई दशक पुराना है। स्कूल में शहर के साथ आसपास के कई गांवों की छात्राएं पढ़ती हैं। स्कूल भवन खंडहर हो चुका हैं। कुछ कमरों की हालत ऐसी हो चुकी थी कि कभी भी भरभरा कर गिर सकते थे। काफी जद्दोजहद के बाद स्कूल के नए भवन के लिए 2 करोड़ 91 लाख रुपए की ग्रांट मंजूर हुई। पीडीडब्ल्यू ने नए भवन के निर्माण का ठेका बहादुरगढ़ के वाईके ग्रुप को दिया था।

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गर्ल्स स्कूल के 3 मंजिला भवन निर्माण का नींव पत्थर 10 दिसंबर 2020 को रखा गया था। ठेकेदार को पुराने भवन को तोड़कर नया बनाना था। कुछ कमरे गिराकर नींव भरने के बाद पिल्लर खड़े कर दिए। लेकिन इसी साल मार्च के अंतिम सप्ताह में ठेकेदार काम बंद कर चला गया।

जब ठेकेदार ने काम बंद किया उस समय संक्रमण की दूसरी लहर के कारण लॉकडाउन लग गया। साथ ही स्कूल भी बंद हो गए थे। अब अनलॉक हुए भी कई महीने बीत चुके हैं। इसके बावजूद ठेकेदार ने दोबारा स्कूल भवन का काम शुरू नहीं किया। इसका सीधा असर स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं पर पड़ रहा हैं। ठेकेदार को 2022 तक इस तीन मंजिला भवन में 46 कमरों का निर्माण कार्य पूरा करना था।

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रेवाड़ी जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी इस गर्ल्स स्कूल का काम बंद होने के संबंध में पीडब्ल्यूडी और ठेकेदार को अब तक 10 पत्र लिख चुके हैं। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी अलग से भी ठेकेदार को कई बार पत्र लिखकर रिमाइंडर दे चुके हैं। लेकिन काम शुरू करना तो दूर ठेकेदार पत्र का भी जवाब नहीं दे रहा है।

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