कभी वेटर का काम किया तो कभी फायरमैन की नौकरी करी, काम के साथ जारी रखी अपनी पढ़ाई और बने IAS

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    इंसान अगर कुछ चाह ले तो कुछ भी हासिल कर सकता है। इंसान को कभी मेहनत करना बंद नहीं करना चाहिए। इन्होनें जब यूपीएससी की तैयारी करने की सोचे, तो उनके सामने रास्ता काफी मुश्किल था। घर खर्च के लिए पहले वो वेटर बनें फिर फायरमैन की नौकरी की। इसी बीच यूपीएससी की भी तैयारी करते रहे। आखिरकार पांचवीं कोशिश में उन्होंने सफलता हासिल कर ही ली।

    उनकी कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा है। उनकी सफलता ने दिखा दिया है कि अगर आप कुछ ठान लें तो वह मिलता जरूर है। आईएएस बनने से पहले फायरमैन थे अशीष दास।

    कभी वेटर का काम किया तो कभी फायरमैन की नौकरी करी, काम के साथ जारी रखी अपनी पढ़ाई और बने IAS

    उस दौरान उन्होंने अपने लक्ष्य को नहीं भटकने दिया। जब यूपीएससी की तैयारी करने की सोचे तो उस दौरान वो अग्निशमन विभाग में फायरमैन की पोस्ट पर तैनात थे। एक तरफ नौकरी और दूसरी तरफ ये तैयारी, ये आशीष के लिए आसान नहीं था, लेकिन मेहनत के दम पर उन्होंने ये मुकाम हासिल कर ही लिया।

    कभी वेटर का काम किया तो कभी फायरमैन की नौकरी करी, काम के साथ जारी रखी अपनी पढ़ाई और बने IAS

    जब जज्बा होता है तो सफलता तक पहुंचने वाला समय भी मिल जाता है। समय खुद निकालना होता है। आशीष केरल के पथानामथिट्टा से एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं। उनकी पहली चुनौती थी कि वो कमाना शुरू कर दें। उनके पिता की एक छोटी दी दुकान थी, जिससे शायद ही घर खर्च और पढ़ाई का खर्चा निकल पाता था। इसलिए मां ने भी एक स्कूल में आया की नौकरी करनी शुरू कर दी।

    कभी वेटर का काम किया तो कभी फायरमैन की नौकरी करी, काम के साथ जारी रखी अपनी पढ़ाई और बने IAS

    कड़े संघर्ष से उनका परिवार चलता था। संघर्ष की शुरूआत-स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद आशीष ने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया। तब तक वो यूपीएससी का सपना देखने लगे थे और तैयारी करने की सोच भी रहे थे, लेकिन घर की हालत को देखते हुए उन्होंने अपने सपने को साइड में रखा और एक होटल में वेटर की नौकरी करने लगे थे।