टिड्डियों के झुंडों ने पाकिस्तान से राजस्थान में एक बार फिर से प्रवेश किया है, लेकिन इस बार सरकार पहले से ज्यादा सतर्क दिख रही हैं और देश मे आने वाले इस खतरे को भांप लिया , इस बार सरकार ने ड्रोन की मदद से विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हुए खतरे का मुकाबला करने की ठान ली है
टिड्डे वार्निंग ऑर्गेनाइजेशन के डिप्टी डायरेक्टर के एल गुर्जर ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, की “हम सभी संसाधनों से तैनात होने के बावजूद भी मात्र 50% स्वार को ही मारने में समक्ष होंगे ,हालांकि टिड्डी दल अभी छोटी अवस्था में है यह इस दल का सबसे सक्रिय चरण है, वे कीटनाशक स्प्रे से बचकर तेजी से उड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान को हाई अलर्ट पर रखा गया है और मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और गुजरात में प्रवेश करने का खतरा है। उन्होंने कहा, ‘हमने पाकिस्तान को सीमा के किनारे टिड्डियों को मारने के लिए कहा है। लेकिन जमीन यह कर पाना मुश्किल हो रहा है
नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि इस सब को कंट्रोल में करने के लिए ड्रोन की सहायता ली जा रही हैं,,,, “ड्रोन से काफी मदद हुई हैं यह हमारे किसानों को लाभ प्रदान करने वाली मेक इन इंडिया पहल है। एफएओ ने टिड्डी नियंत्रण के लिए पहली बार ड्रोन के इस्तेमाल के लिए भारत की सराहना की है।
ड्रोन के इस्तेमाल से इलाकों और पेड़ों की टहनियों पर नियंत्रण रखने में मदद मिली है। टिड्डियों को मारने के लिए अब तक 13 ड्रोन तैनात किए गए हैं