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सरकार की बेहतरीन उपलब्धि, आखिरकार पेट्रोल के दाम हुए कम लेकिन डीजल से

तेल कंपनियों ने बुधवार को लगातार 18वें दिन डीजल के दाम में बढ़ोतरी की है। राहत की बात यह है कि बुधवार को पेट्रोल की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई और इसके दाम स्थिर रहे। हालांकि यह भी पहली बार हुआ है कि राजधानी दिल्ली में डीजल के दाम पेट्रोल से अधिक है। पेट्रोल के दाम में बुधवार को कोई वृद्धि नहीं हुई, लेकिन डीजल का दाम 48 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया गया है। इससे पहले मंगलवार को पेट्रोल 20 पैसे और डीजल 55 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ था।

सरकार की बेहतरीन उपलब्धि, आखिरकार पेट्रोल के दाम हुए कम लेकिन डीजल से

ताजा बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम 79.76 रुपए पर स्थिर रहा और डीजल का दाम 79.40 रुपए से बढ़कर 79.88 रुपए प्रति लीटर हो गया है । तेल कंपनियां देशभर में एक साथ दाम बढ़ाती है लेकिन राज्यों में इन पर अलग दर से लगने वाले बिक्री कर अथवा मूल्य वर्धित कर (वैट) की वजह से खुदरा दाम अलग-अलग होते हैं।

पेट्रोल से ज्यादा, डीजल हुवा महंगा

पिछले 18 दिनों से दोनों ईंधनों के खुदरा दाम में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। इस दौरान पेट्रोल के दाम कुल मिलाकर 8.50 रुपए और डीजल के दाम में 10.52 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है।
कोरोना वायरस महामारी और उसके चलते लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान 82 दिनों तक तेल कंपनियों ने पेट्रोल, डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया था । उसके बाद 7 जून से दाम में उनकी अंतरराष्ट्रीय लागत के अनुरूप बदलाव किया जाने लगा है । इसके बाद पिछले लगातार 18 दिन से दाम बढ़ने का सिलसिला जारी है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में मामूली तेजी के बीच घरेलू बाजार में डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है | आज मंगलवार को पेट्रोल और डीजल दोनों के रेट में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है | इस बढ़ोतरी के साथ ही देश के इतिहास में पहली बार डीजल, पेट्रोल से महंगा हो गया है |

पेट्रोल और डीजल के मौजूदा दाम

पेट्रोल के मौजूदा दाम में करीब दो तिहाई हिस्सा विभिन्न करों का शामिल है। पेट्रोल के दाम में 32.98 रुपए केंद्रीय उत्पाद शुल्क और 17.71 रुपए प्रति लीटर स्थानीय कर अथवा वैट शामिल है। इसी प्रकार डीजल के दाम में 63 प्रतिशत से अधिक करों का हिस्सा है। इसमें 31.83 रुपए प्रति लीटर केंद्रीय उत्पाद शुल्क और 17.60 रुपए प्रति लीटर वैट का हिस्सा है। सरकार ने जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम गिर रहे थे तब 14 मार्च को पेट्रोल, डीजल दोनों पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की थी। इसके बाद पांच मई को फिर से पेट्रोल पर रिकॉर्ड 10 रुपए और डीजल पर 13 रुपए उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है ।

डीजल की कीमत बढ़ाने का चौतरफा असर होता है | इससे ट्रांसपोर्ट की लागत बढ़ जाएगी और महंगाई भी बढ़ेगी | जनता पर दोहरी मार पड़ने वाली है | एक तरफ ट्रांसपोर्ट के लिए ज्यादा किराया देना पड़ेगा और महंगे सामान खरीदने पड़ेंगे | इसका ऑटो सेक्टर की बिक्री पर भी काफी गंभीर असर पड़ेगा | इससे सरकार को सालाना आधार पर दो लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।

Written by- Prashant K Sonni

Avinash Kumar Singh

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