आपको बता दें महिलाएं अब किसी भी काम में पीछे नहीं है। वह हर काम में आगे बढ़कर सशक्त बन रही हैं। कई महिलाएं तो अपने पूरे घर की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और लोग सोचते हैं सिर्फ बेटे ही घर की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। आज हम आपको फरीदाबाद की एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने यह साबित कर दिया कि लड़कियां भी अपने माता-पिता का सहारा बन सकती हैं और अपने परिवार की जिम्मेदारी उठा सकती हैं।
आपको बता दें फरीदाबाद में रहने वाले इस बेटी का नाम पार्वती है। यह ऑटो चला कर अपने घर का गुजारा करती है। ऑटो चला कर वाकई पार्वती नारी सशक्तिकरण की मिसाल को पेश कर रही हैं। उनकी इस हिम्मत कि आज हर कोई तारीफ कर रहा है। आखिर क्यों करना पड़ रहा है उन्हें काम आइए आपको बताते हैं।
एक कहावत बड़ी मशहूर है के हौसले बुलंद हो तो जिंदगी में कुछ भी हासिल किया जा सकता है। ऐसे में आज भी कई ऐसे लोग हैं जो अपने सराहनीय कार्यों से अनेकों को प्रेरणा देते हैं।ऐसे में पार्वती ने भी प्रेरणादाई काम किया है।
जैसा कि हमने आपको बताया पार्वती एक ऑटो चालक के तौर पर काम करती है। पार्वती के पिता बीमार है। इसलिए वह घर चलाने में असमर्थ हैं।अपने पिता का सहारा बनने के लिए पार्वती ने ऑटो चलाने का फैसला लिया।
पार्वती इसलिए भी ऑटो चलाना चाहती है, क्योंकि उन्हें पता है कि आज भी कई लड़कियां और महिला पुरुष ऑटो चालक के साथ असहज महसूस करती हैं। इसलिए वह महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराना चाहते हैं।
इस नेक फैसले से पार्वती अनेक लड़कियों के लिए मिसाल बन चुकी है। पार्वती सुबह 7:00 बजे से लेकर रात को 9:00 बजे तक ऑटो चलाती है। जिसमें ज्यादातर में बुजुर्गों और महिलाओं को ही बिठाती है।
पार्वती के मुताबिक जब वह ऑटो चलाती है, तो रास्ते में मिलने वाली पुलिस भी पार्वती को हौसला देखकर उसकी सराहना करती है। इस फैसले से पार्वती बहुत खुश है। पार्वती पलवल तक अपना ऑटो चलाते हैं। पार्वती जिस तरह से मुश्किल समय में अपने वाकई काबिल ए तारीफ है।