सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर 1 जुलाई से पूरी तरह से रोक लगा दी है। अगर कोई भी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने में प्रशासन नाकाम होता नज़र आ रहा हैं। एक्सपर्ट कमेटी के चेयरमैन एकै गौड ने जब RTI से जवाब मांगा तो उन्हें बताया गया कि अक्टूबर 2022 से लेकर 2023 तक का कुल 2423 चालान किये गए हैं, पर अभी तक 13 लाख 8 हज़ार रुपये की कोई भी रिकवरी नहीं की गई हैं।
प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए सरकार ने एक बड़ा क़दम उठाया हैं, साथ ही इस पर रोक लगाने और कार्रवाई करने के लिए प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट ने जिला एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया था। जिनका काम अपने इलाको में चालान करना था, उन सभी विभागों के मुखिया को शामिल किया गया।
इन सभी के साथ जिला एक्सपर्ट के चेयरमैन एकै गौड ने बताया कि ये सभी अपने विभागों में चालान तो कर देते हैं पर इन चालानों की रिकवरी नही कर पा रहे हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा की विभाग ने चालानों को कोर्ट में भेज है लेकिन जो लोग कोर्ट जाकर भी चालान नही भरते है तो इन सभी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। और इन सभी नतीजो की वज़ह से आज फिर से प्लास्टिक का इस्तेमाल बढ़ चुका हैं।
सरकार के आदेश अनुसार पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाया गया है। उसके बाद भी दुकानदारों के द्वारा पॉलिथीन का उपयोग किया जा रहा है। कूड़े-कचरे के ढेर पर लोगों के द्वारा फेंके गए पॉलिथीन जानवरों के लिए मौत का कारण बनते जा रहा हैं। लोग अक्सर पॉलिथीन में खराब हुई सब्जियां व फल डालकर इधर-उधर फैंक देते है। जिन्हें लावारिश पशु खा लेते हैं । जिससे उनका लीवर खराब हो जाता है और उपचार नहीं मिलने के कारण पशु मर जाते हैं।