आचार्य चाणक्य ने कहा शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं …उक्त वचन से शिक्षक की असाधारण विशेषता परिलक्षित होती है। और यह सत्य भी है वो शिक्षक है
जिसने ना जाने देश के कितने कर्णधारो को उनकी मंजिल तक पहुँचने के लिए विद्या के सागर में गोते खिलाये और इस काबिल बनाया की वो अपने जीवन के निर्माणक हो सके , वो पहला अक्षर जिसने सिखाया वो शिक्षक ही थे
काले बोर्ड पर सफेद चॉक से बच्चो के भविष्य को संवारते शिक्षको देखा जा सकता है गुरु हमेशा अपने ज्ञान से बच्चो को सींचते है हजार बार गलतियों पर शिक्षक समझाते है बच्चो ने खाई है थपकियां अपनी पीठ पर जब कोई अच्छा काम किया हो ।
लेकिन दौर ने करवट ली और सब बदल गया बदल गया मिलना गुरु और शिष्य का ,बदल पढ़ने और पढ़ाने का अंदाज और बदल गई क्लास रूम जहाँ होता था शोर अब वहाँ शान्ति है वो स्कूल कर रहा है इंतजार अपने उन नन्हे शैतानों का
जो करते थे हल्ला गुल्ला और उठा लेते थे स्कूल अपने सर पर स्कूल में ना जा पाने की वजह से बच्चे अब अपने टीचर से नही मिल पा रहे है और टीचर भी उनसे दूर है हालांकि ऑनलाइन क्लास चल रही है
पर इन क्लासेज में वो वाली बात कहां जिसमे टीचर की डाट के साथ बहुत सारा प्यार भी मिलता था दरअसल ऑनलाइन क्लास चलने से बस टीचर्स अपने स्टूडेंट्स को सुन या देख सकते है परंतु उनसे मिल नही पाते ।
शिक्षक दिवस के मौके पर बच्चो को हमेशा ही अलग उत्साह रहता था क्योंकि आज ही के दिन वो अपने फेवरेट टीचर बन जाते थे और उनकी जगह खुद पढ़ाते थे वही अपने रूप में इन स्टूडेंट्स को देख मन ही मन खुश होते थे
हमने जब एक स्कूल शिक्षका रेणु सैनी से बात की तो उन्होंने बताया कि इस खास मौके पर वो अपने फेवरेट स्टूडेंट्स को बहुत मिस कर रही है क्योंकि यह सभी टीचर के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि पहले यह दिन साथ मे मानते थे
हालांकि हम उनसे दूर है पर ऑनलाइन क्लास के जरिए ही सही हमने उनके साथ यह इस दिन को मनाया और बच्चों ने अपना टैलेंट दिखाया साथ ही रेणु ने कहा कि आज के समय में बच्चो की सेफ़्टी बहुत जरूरी है