महामारी का संक्रमण एक बार फिर से दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। यह वायरस बहुत प्रभावी है। इस महामारी के चलते हर व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस वायरस के लक्षण बुखार, खांसी व सांस लेने में तकलीफ नहीं है।
महामारी का जो दूसरा फेस आया है वह बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है।
पहले वाला फेस जब इस महामारी का आया था ,तो बड़े लोगों पर ,बुजुर्गों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा था। तब उन्होंने अपनी इम्यूनिटी पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया था । लेकिन अब जो यह फेस आया है वह बच्चों के लिए काफी खतरनाक है क्योंकि बच्चों की इम्युनिटी पावर भी काफी कमजोर होती है।
इसी वजह से हवा से चलने वाला यह महामारी का दौर उन पर ज्यादा असर कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंटलाइन ऑफिसर के बाद बुजुर्गों से टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई थी। पहले बुजुर्गों से ही टीकाकरण की शुरुआत करी गई थी । अभी थोड़े से हालात समझे तभी इस बीमारी का दूसरा फेस आया है।
इस महामारी का दूसरा फेस बच्चों पर बहुत प्रभाव डाल रहा है,। यह से बहुत ही खतरनाक है। सीधा लंग्स पर प्रभाव डालता है । बीके अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विकास ने बताया कि महामारी का दौर दोबारा से शुरू हो गया है। लेकिन इस बार की जो महामारी है वह बच्चों पर ज्यादातर असर कर रही है।
उन्होंने बताया कि उनकी ओपीडी में भी बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिनको खासी, बुखार, जुखाम व शरीर में दर्द की शिकायत हो रही है।
इस समय इतनी महामारी फैल रही है कि लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। बच्चों को पूरे शरीर में दर्द रहता है ,कुछ खाने पीने का मन नहीं करता ,जिससे उनकी इम्यूनिटी पर सीधा प्रभाव डाल रहा है। कितने बच्चे तो ऐसे हैं जिन्हें इलाज तक नहीं मिल पा रहा है।
दूसरों से संक्रमण होकर अपने में बीमारी पैदा कर रहे हैं। प्रशासन के द्वारा स्कूल खुलने के बाद से यह हमारे बच्चों में भी फलाने में लगी है। वही बीच अस्पताल में एक्टिंग करने वाले कर्मचारियों का भी कहना है कि उनके पास पहले बुजुर्गों की संख्या ज्यादा होती थी।
लेकिन अब बच्चों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया है कि पिछले कुछ दिनों में कई बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं। जिनको होम आइसोलेशन और गंभीर बच्चों को अस्पताल में भर्ती किया गया है।