भारतीय किसान अब खेती-बाड़ी में पहले के मुकाबले ज़्यादा कमाई करने लगे हैं। सरकार का भी यही प्रयास है कि किसानों की आय दोगुनी की जाये। लेकिन अब इन बातों पर नज़र लग सकती है। दरअसल, चीन ने अपने घरेलू बाजार में सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए कंपनियों से केमिकल उर्वरक के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
इस आदेश से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई लोगों को नुक्सान पहुंचने की आशंका लगायी जा रही है। इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरक की कीमतों पर असर पड़ेगा। चूंकि, भारत में केमिकल उर्वरक का एक बड़ा हिस्सा चीन से भी आयात होता है, ऐसे में भारत में उर्वरक की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है।
कई एजेंसिओं ने इसपर रोक लगाने की मांग की है लेकिन चीन अपने अड़ियल रवैया पर ही मुखर है। रेटिंग एजेंसी इकरा ने इसका जिक्र करते हुए यह भी कहा कि वैश्विक बाजार में पहले ही उर्वरक की सप्लाई बाधित है। चीन ही दुनिया का सबसे बड़ा उर्वरक उत्पादक देश है। यहां हर साल कुल वैश्विक जरूरत का 31 फीसदी यूरिया और 42 फीसदी डाई-अमोनियम फॉस्फेट का उत्पादन होता है।
चीन की यह एक सोची समझी चाल है ऐसा भी कई लोगों का कहना है। दरअसल, चीन में बढ़ते एनर्जी खर्च और सप्लाई में कमी की वजह से घरेलू खपत के लिए उर्वरक की उपलब्धता कम हो रही थी। इस समस्या को देखते हुए चीन सरकार ने सभी उर्वरक उत्पादक कंपनियों को आदेश दिया कि वे तत्काल प्रभाव से इसके निर्यात को रोक दें। चीन ने यह फैसला पिछले सप्ताह ही लिया था।
डायरेक्ट इस आदेश के बाद किसानों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। ऐसे में सरकार को इसके लिए कदम उठाने होंगे।