चंद रुपये और एक सरकारी नौकरी घोंट रहे हैं बिटिया के इंसाफ का दम? : मैं हूँ फरीदाबाद
नमस्कार! मैं हूँ फरीदाबाद। हम सब जानते हैं कि साल 2020 गहरे घाव दे कर गया है। 26 अक्टूबर 2020 एक तारीख जिसने मेरे और अन्य शहरवासियों के पैरों तले जमीन खींच ली। एक लड़की जिसकी आँखों में कुछ करने और आगे बढ़ने के सपने थे उस निकिता की निर्मम…