महामारी का प्रकोप थमने को तैयार नहीं है | देश हो या प्रदेश कोरोना अपना सितम ढा रहा है | महामारी को काबू करने के लिए दिशा निर्देश तो खूब बन रहे हैं, लेकिन लोग उसका पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं | फरीदाबाद के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में कोरोना जांच की संख्या बढ़ा दी गई है | यहां जाना 900 से एक हजार नमूनों की जांच की जा रही है | गत हफ़्तों यहां रोजाना 350 नमूनों की जांच की जाती थी | कॉलेज प्रबंधन ने यह फैसला कोरोना की संक्रमण को रोकने के लिए किया |
प्रदेश के लोग भले ही माहमारी से जीत हासिल कर रहे हों, लेकिन जिले की जनता में महामारी का डर गायब सा हो गया है | ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को सरकार द्वारा कोविड अस्पताल घोषित किया हुआ है | यहां पर बस फिलहाल कोरोना संदिग्धों के नमूनों की जांच और उनका उपचार किया जा रहा है |
कोरोना को हराने में हमारी सबसे बड़ी ढाल यानी हमारे स्वास्थ्यकर्मी, वह भी संक्रमित हो रहे हैं | यहां पर ड्यूटी में लगे करीब 12 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे | इसमें लैब स्टाफ सहित पांच डॉक्टर भी शामिल थे | मामला उजागर होने के बाद लैब को तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया था |
जिले में जब यह खबर फैली कि डॉक्टर्स भी कोरोना की चपेट में आगये हैं तो, लोगों ने कुछ सावधानियां बरतना शुरू कर दिया था, लेकिन अब फरीदाबाद के लोग बेखौफ होकर जी रहे हैं | सैनिटाइजेशन के बाद लैब को दोबारा जांच के लिए खोला गया था | शुरुआत में करीब 150 नमूनों की जांच की जा रही थी। उसके बाद इसे बढ़ा कर 350 कर दिया गया |
जानकारी के मुताबिक रोजाना अब 900 से 1000 नमूनों की जांच होगी | यहां कई जिलों के नमूनों की जांच होती है | फरीदाबाद समेत पलवल, होडल, हथीन, गुरुग्राम, कैथल और नारनौल जिलों से आए सैंपल की भी जांच होती है | खतरा अभी बहार है नादान मत बनो दूसरों के लिए नहीं तो अपनों के लिए घर पर आराम करो |