महामारी ने इस समय पूरे फरीदाबाद को अपनी चपेट में ले लिया है वही लगभग हर क्षेत्र से महामारी से ग्रसित मरीजों की पुष्टि हो रही है, ऐसे में लाजमी है कि ग्रसित मरीजों का कूड़ा भी निकल रहा है। मरीजों के कूड़े का निपटान इकोग्रीन के जिम्मे है परंतु वार्ड नंबर 9 में पिछले 4 महीने से इकोग्रीन की गाड़ी ही नहीं आ रही ऐसे में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, नगर निगम ने शहर भर से कचरा एकत्रित करने का काम इको ग्रीन कंपनी को दिया हुआ है। कंपनी की गाड़ियां शहर के अलग-अलग हिस्सों से कच्चा एकत्र कर निपटान करती है परंतु इको ग्रीनकंपनी की कार्यशैली इन दिनों लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।
वार्ड नंबर 9 में पिछले 4 महीने से इकोग्रीन की गाड़ी नहीं आ रही ऐसे में लोग अपना कचरा खुले में डाल रहे हैं। महामारी से ग्रसित मरीजों का कचरा भी लोगों के द्वारा खुले में डाला जा रहा है। मरीजों का कचरा खुले में डालना अन्य लोगों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
इकोग्रीन की गाड़ी न आने से स्थानीय लोग अपने घर का कूड़ा खाली पड़े प्लॉटों में डाल रहे है तो कुछ गलियों के चौक- चौराहों पर डाल रहे है। जिसकी वजह से सड़को व खाली प्लॉटो में कूड़े के ढेर नजर आने लगे है।
स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत वार्ड के पार्षद महेंद्र भडाना से की है। लेकिन पार्षद द्वारा स्थानीय लोगों की इस समस्या का अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया है।
लोगों ने बताया कि वार्ड- 9 में ऐसे कई क्षेत्र है जहां करीब चार माह से निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ी के ना आने के कारण मास्क, ऑक्सीमीटर में लगाने वाली पाइप और पीपीईकिट खाली प्लॉटो में पड़े हुए है। ऐसे में इस क्षेत्र में लगातार महामारी संक्रमण के अधिक फैलने के खतरा बना रहता है।
क्या कहना है वार्ड पार्षद का
वार्ड नंबर 9 के पार्षद महेंद्र भड़ाना ने बताया कि लगातार इकोग्रीन के सुपरवाइज़र से गाड़ियों की मांग की जा रही है और वार्ड में कूड़ा उठान के लिए निगम कमिश्नर तक भी शिकायत दी गई है। लेकिन वार्ड में इकोग्रीन ने शुरुआती दौर में छः गाड़ियां दी थी। उनमे से दो गाड़ियां कंडम हो चुकी है। इसको लेकर भी निगम कमिश्नर को शिकायत दी गयी है। लेकिन समाधान निगम द्वारा नहीं किया जा रहा।
उनके वार्ड को जनसंख्या के अनुसार आठ गाड़ियों की आवश्यकता है लेकिन चार गाड़ियों से ही इकोग्रीन वार्ड में काम कर रहा है। जिसकी वजह से वार्ड में कूड़े उठान की समस्या बनी हुई है।