Categories: Trending

25 साल के भरोसे का मिला इनाम, 3 मंजिला मकान और जायदाद बुजुर्ग महिला ने किया रिक्शा चालक के नाम

आज के समय में कोई किसी की मदद नहीं करता। सब धन के पीछे भागते रहते हैं। लेकिन ऐसे समय में भी कुछ लोग है जो निस्वार्थ भाव से दूसरे लोगो की मदद करते है। आज ऐसा की एक प्रत्यक्ष उदाहरण उड़ीसा के कटक जिले से सामने आया है। इससे यह पता चलता है कि मानवता ही सबसे बड़ा धन होता है। यह घटना समाज के लिए प्रेरणादायक साबित हो रही है।

आपको बता दे, यहां पर एक वृद्ध महिला ने महानता और बड़प्पन का परिचय दिया देते हुए निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे रिक्शा चालक के नाम अपना तीन मंजिला घर और पूरी संपत्ति करने का फैसला लिया। हालांकि इस बात पर उसे बहुत कुछ सुनना पड़ा, लेकिन वह अपने फैसले पर अटल खड़ी रही।

25 साल के भरोसे का मिला इनाम, 3 मंजिला मकान और जायदाद बुजुर्ग महिला ने किया रिक्शा चालक के नाम

आपको बता दें वर्तमान समय में घर के साथ जेवरात और अन्य सामानों की कीमत 1 करोड़ बताई जा रही है। अब आप यह जानना चाहते होंगे कि आखिर यह महान महिला कौन है और उसने ऐसा क्यों किया। तो यह सब जानने के लिए खबर को अंत तक पढ़े।

जिस महिला की हम बात कर रहे है वह 63 वर्षीय मिनाती पटनायक नामक महिला की है। यह कटक जिले में रहती है। पिछले साल उसके पति कृष्ण कुमार का दिहांत हो गया था। उसके बाद वह अपना आखिरी सहारा अपनी बेटी कोमल के साथ रहती थी। लेकिन 6 महीने बाद ही उसकी बेटी की भी हार्ट अटैक से दिहांत  हो गया।

उसके बाद यह महिला बहुत बेसहारा और अकेली हो गई। इस समय में उसके परिजनों ने भी उसे अकेला छोड़ दिया। इससे वह और ज्यादा लाचार और बेबस महसूस करने लगी। जानकारी के मुताबिक, रिक्शा चालक बुद्धा सामल और उसके पूरे परिवार ने इंसानियत के नाते इस महिला का पूरा ख्याल रखा।

जब महिला ने आजतक से बात की तो उसने बताया मैं अपनी पूरी संपत्ति को एक गरीब को दान करना चाहती थी। मैनें अपनी पूरी संपत्ति कानूनी रूप से रिक्शा चालक के नाम करने का फैसला किया है। ताकि मेरे मरने के बाद उसे कोई इस चीज के लिए परेशान ना कर सके।

महिला ने कहा बुद्धा और उसका पूरा परिवार पिछले 25 सालों से उसके साथ खड़ा रहा है मिनाती ने कहा कि जब कोमल छोटी थी जब स्कूल जाया करती थी तो बुद्धा उसका पूरा ध्यान रखता था खुदा और उसके परिवार सदैव मेरा सम्मान किया है साथ ही मेरे परिवार के लिए परिवार के सदस्यों से बढ़कर काम किया है।

बुद्ध ने कहा मैं पिछले करीब 25 सालों से इस परिवार से जुड़ा हूं। मैं पहले घर के मालिक बाबू और बिटिया कोमल की सेवा करता था। मैं अपने रिक्शा में केवल मिनाती जी के परिवार के सदस्यों को ही अपनी सवारी बनाता था।

मिनाती मैडम ने सदैव त्योहारों एवं अन्य दिनों में हमेशा मेरी मदद की है। हमने वर्षों से निस्वार्थ भाव में मिनाती जी और उनके पति के साथ बच्चे कोमल का ख्याल रखने की कोशिश की। अब केवल मिनाती जी इस दुनिया में जीवित हैं। हम उनका पूरा ख्याल रखेंगे। पूरी संपत्ति मेरे नाम करना यह उनका बड़प्पन और महानता है।

Kunal Bhati

Recent Posts

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

2 months ago

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में दिन…

2 months ago